मन में तू ठान ले
मन में तू ठान ले
खुद को तू जान ले
हौसला है तुझमें
सीना तू तान ले..
सूखा है आकंठ
ज्वालाएं प्रचंड
मौत का गर्जन
डरा रहा उद्दंड
तज कर चिंता की बाधा
आगे जीत है मान ले..
खून जो तप रहा
स्वेद जो पसीज रहा
शंका का घोर अंधेरा
तुझ पर दांव लगा रहा
नकार कर छल-कपट
जोश तू जगा ले....
मरण का कर वरण तू
मृत्यु का सत्य जान तू
मौत न सतायेगी तुझे
समझ जीवन कथन तू
है माटी से बनी काया यह
चेतन से पहचान ले....
दुष्ट का साथ छोड़ तू
नेकी का दामन थाम तू
अधर्म से होकर विरक्त
कर्म कर निष्काम तू
रोकर आया था जग में
जायेगा मधुर मुस्कान ले.....
कर्म से होगा
मूल्यांकन नेक
जैसा बोयेगा बीज तू
फल देगा पेड़
सत्कर्म जब साथ तेरे
तब देवतुल्य स्थान ले...
तन ये दुर्लभ मानव का
मिले न बारंबार
ईश मिलन होएगा
साधन हैं अपरंपार
मुक्तिद्वार मिल जायेगा
अब प्रेम तुल्य सम्मान ले...!
~जीवन समीर ~
खुद को तू जान ले
हौसला है तुझमें
सीना तू तान ले..
सूखा है आकंठ
ज्वालाएं प्रचंड
मौत का गर्जन
डरा रहा उद्दंड
तज कर चिंता की बाधा
आगे जीत है मान ले..
खून जो तप रहा
स्वेद जो पसीज रहा
शंका का घोर अंधेरा
तुझ पर दांव लगा रहा
नकार कर छल-कपट
जोश तू जगा ले....
मरण का कर वरण तू
मृत्यु का सत्य जान तू
मौत न सतायेगी तुझे
समझ जीवन कथन तू
है माटी से बनी काया यह
चेतन से पहचान ले....
दुष्ट का साथ छोड़ तू
नेकी का दामन थाम तू
अधर्म से होकर विरक्त
कर्म कर निष्काम तू
रोकर आया था जग में
जायेगा मधुर मुस्कान ले.....
कर्म से होगा
मूल्यांकन नेक
जैसा बोयेगा बीज तू
फल देगा पेड़
सत्कर्म जब साथ तेरे
तब देवतुल्य स्थान ले...
तन ये दुर्लभ मानव का
मिले न बारंबार
ईश मिलन होएगा
साधन हैं अपरंपार
मुक्तिद्वार मिल जायेगा
अब प्रेम तुल्य सम्मान ले...!
~जीवन समीर ~
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