टिप्पणियाँ

Jiwan Sameer ने कहा…
हम सजग हैं तो सक्रिय भी हैं और होते ही रहेंगे। हम एक साथ खड़े विश्वास और मित्रता के खट्टे मीठे और तीखे तजुर्बे भी लेते रहते हैं। चाह कर ही सही हम धोखा तो खाते रहते हैं फिर भी विश्वास जगाते हैं। मन के द्वार खोलें या न खोलें भाव योग से संवेदनाओं को दस्तक देकर जगायेंगे और फिर सब में रचबस जायेंगे।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

गीत

सुधि आई

तुम क्यों अचानक